प्रबन्ध के सिद्धांत का अर्थ क्या है ? - 24x7DigitalLibrary

प्रबन्ध के सिद्धांत एक आधारभूत सत्य है और यह सामान्यतः कारण एवं परिणाम में संबंध प्रकट करता है। प्रबन्ध के सिद्धांत के आधार पर प्रबंधक अपने संस्थान के भविष्य की कल्पना कर सकते हैं तथा इन सिंद्धान्तों को ध्यान में रखकर वे इन छोटी-मोटी गलतियों से भी बच सकते हैं।

प्रबन्ध के सिद्धांत सत्य का एक आधारभूत विवरण है जो प्रयोग, अनुसन्धान तथा अभ्यास के व्यावहारिक विश्लेषण द्वारा तैयार होता है तथा यह विभिन्न क्रियाओं का मार्गदर्शन करते हैं।



प्रसिद्ध विद्वान विलियम बी. कोरनेल के अनुसार :- प्रबन्ध के सिद्धांत आधारभूत विवरण या सर्वमान्य सत्य है जो किसी कार्य या विचार का मार्ग-दर्शन करता है।

प्रबन्ध के सिद्धांतों को लागू करने से पूर्व उनके लक्षण एवं प्रकृति को समझना परम आवश्यक है अन्यथा यह अन्धेरे में डण्डा चलाने के समान होगा।



प्रबंध के सिद्धांतों के प्रमुख लक्षण अथवा प्रकृति निम्नलिखित हैं :-

  • गतिशीलता (Dynamic)
  • आधारभूत (Fundamental)
  • सापेक्षिक (Relative)
  • सार्वभौमिक (Universal)
  • मानव व्यवहार से प्रभावित (Affected By Human Behavior)